राष्ट्रीय संग्रहालय, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, हिंदी के प्रचार-प्रसार में निरंतर प्रयासरत है। श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, महानिदेशक, राष्ट्रीय संग्रहालय की अध्यक्षता में 29 दिसंबर 2021 को राष्ट्रीय एकता एवं भारतीय संस्कृति का आधार : हिन्दी एवं भारतीय भाषाएं की भूमिका पर एक भव्य संगोष्ठी सह कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें डॉ. वेद प्रकाश गौड़, पूर्व निदेशक (राजभाषा) ने सारगर्भित एवं उपयोगी विचार प्रस्तुत किया तथा राजभाषा अधिनियम, नियम एवं अन्य प्रावधानों पर भी चर्चा की गयी। श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा जी, महानिदेशक, ने कहा कि राजभाषा हिंदी में कार्य करना संभव है और इसके लिए सकारात्मक मानसिकता और निष्ठा की आवश्यकता है। उन्होनें सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राजभाषा हिंदी में कार्य करने हेतु प्रेरित किया। संगोष्ठी का संचालन श्री राजेश कुमार, अुनवाद अधिकारी सह प्रभारी (राजभाषा) ने किया और अंत में श्री के के एस देवरी, गैर-संग्रह प्रमुख ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और कहा कि वे तो पूर्वोतर से हैं, फिर भी वे अपना काफी कार्य स्वयं भी हिंदी में करते हैं और अन्य कार्मिकों को भी हिंदी में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं।
हिन्दी कार्यशाला
राष्ट्रीय संग्रहालय संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, राजभाषा हिंदी के पथ पर आगे बढ़ने हेतु सदैव कटिबद्ध है। डॉ. के.के.एस. देवरी, गैर-संग्रह प्रमुख/संग्रहाध्यक्ष (प्रदर्श) की अध्यक्षता में 29 मार्च 2023 को टिप्पण एवं प्रारूप लेखन पर एक भव्य कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें डॉ. आर. रमेश आर्य, निदेशक (राजभाषा) ने राजभाषा नीति एवं टिप्पण व प्रारूप लेखन पर बेहद ही रूचिकर ढ़ंग से प्रस्तुति दिया जिससे इस कार्यशाला में भाग लेने वाले राष्ट्रीय संग्रहालय के सभी अधिकारी एवं कर्मचारीगण लाभान्वित हुए। इस कार्यशाला के संयोजक श्री राजेश कुमार अनुवाद अधिकारी-सह-प्रभारी (रा.भा.) ने हिंदी कार्यशाला की महत्ता को रेखाकिंत किया तथा सभी प्रतिभागीगण को सरकारी कार्य हिंदी में करने हेतु प्रोत्साहित किया। अंत में डॉ. के. के. एस. देवरी ने अध्यक्षीय भाषण देते हुए धन्यवाद ज्ञापन दिया और इस कार्यशाला की व्यवहारिकता एवं उपादेयता पर प्रकाश डाला। उन्होंने आशा प्रकट कि बेहतरीन ढ़ंग से आयोजित इस कार्यशाला का सकरात्मक लाभ यहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अवश्य मिलेगा।